• الصفحة الرئيسيةخريطة الموقعRSS
  • الصفحة الرئيسية
  • سجل الزوار
  • وثيقة الموقع
  • اتصل بنا
English Alukah شبكة الألوكة شبكة إسلامية وفكرية وثقافية شاملة تحت إشراف الدكتور سعد بن عبد الله الحميد
الدكتور سعد بن عبد الله الحميد  إشراف  الدكتور خالد بن عبد الرحمن الجريسي
  • الصفحة الرئيسية
  • موقع آفاق الشريعة
  • موقع ثقافة ومعرفة
  • موقع مجتمع وإصلاح
  • موقع حضارة الكلمة
  • موقع الاستشارات
  • موقع المسلمون في العالم
  • موقع المواقع الشخصية
  • موقع مكتبة الألوكة
  • موقع المكتبة الناطقة
  • موقع الإصدارات والمسابقات
  • موقع المترجمات
 كل الأقسام | مقالات شرعية   دراسات شرعية   نوازل وشبهات   منبر الجمعة   روافد   من ثمرات المواقع  
اضغط على زر آخر الإضافات لغلق أو فتح النافذة اضغط على زر آخر الإضافات لغلق أو فتح النافذة
  •  
    مسالك العلة وأسباب الخطأ في القياس وحكم القياس في ...
    محمد أمين بن عبدالله بن الهادي الحبيبي
  •  
    خطبة: الحجاب
    د. أيمن منصور أيوب علي بيفاري
  •  
    التبتل
    نورة سليمان عبدالله
  •  
    من أحكام يوم الخميس
    د. عبدالعزيز بن سعد الدغيثر
  •  
    لحظة! قبل الاكتئاب
    أحمد محمد العلي
  •  
    عيسى عليه السلام والكريسمس (خطبة)
    أحمد بن عبدالله الحزيمي
  •  
    التفسير الاجتهادي
    الشيخ أ. د. عرفة بن طنطاوي
  •  
    لم يلد ولم يولد (خطبة)
    الشيخ عبدالله بن محمد البصري
  •  
    ماذا لو عفوت عنهم؟!
    عبدالرحيم بن عادل الوادعي
  •  
    الاتباع لا الابتداع في شهر رجب (خطبة)
    الشيخ أحمد إبراهيم الجوني
  •  
    أقسام الشرك
    الشيخ عبدالعزيز السلمان
  •  
    اشتمال كلام الله تعالى على جمل وكلمات وحروف وأمر ...
    فواز بن علي بن عباس السليماني
  •  
    العقيدة سفينة النجاة
    محمد ونيس
  •  
    ما أضيق العيش لولا فسحة الأمل (خطبة)
    وضاح سيف الجبزي
  •  
    فوائد وأحكام من قوله تعالى: {ليسوا سواء من أهل ...
    الشيخ أ. د. سليمان بن إبراهيم اللاحم
  •  
    قراءة سورة الأعراف في صلاة المغرب: دراسة فقهية
    د. أحمد عبدالمجيد مكي
شبكة الألوكة / آفاق الشريعة / منبر الجمعة / الخطب / عقيدة وتوحيد / الموت والقبر واليوم الآخر
علامة باركود

خطبة: (تجري بهم أعمالهم) (باللغة الهندية)

خطبة: (تجري بهم أعمالهم) (باللغة الهندية)
حسام بن عبدالعزيز الجبرين

مقالات متعلقة

تاريخ الإضافة: 29/6/2022 ميلادي - 30/11/1443 هجري

الزيارات: 5797

حفظ بصيغة PDFنسخة ملائمة للطباعةأرسل إلى صديقتعليقات الزوارأضف تعليقكمتابعة التعليقات
النص الكامل  تكبير الخط الحجم الأصلي تصغير الخط
شارك وانشر

शीर्षक:

उनके आ़माल उनको ले कर दौड़ेंगे


प्रथम उपदेश:

मैं आप को और स्‍वयं को अल्‍लाह का तक्‍़वाधर्मनिष्‍ठाअपनाने,आज्ञा पालन करने,निवारणों को छोड़ने,अधिक से अधिक इस्तिगफार करने और पुन: तौबा करने की वसीयत करता हूं,जिस ने तक्‍़वा का दामन थाम लिया वह सफल होगया और जिस ने नकारा और आत्‍मा की इच्‍छा का अनुगमन किया वह विफल एवं नष्‍ट हो गया:

﴿ فَإِذَا جَاءَتِ الطَّامَّةُ الْكُبْرَى, يَوْمَ يَتَذَكَّرُ الْإِنْسَانُ مَا سَعَى ,وَبُرِّزَتِ الْجَحِيمُ لِمَنْ يَرَى, فَأَمَّا مَنْ طَغَى, وَآثَرَ الْحَيَاةَ الدُّنْيَا * فَإِنَّ الْجَحِيمَ هِيَ الْمَأْوَى ,وَأَمَّا مَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهِ وَنَهَى النَّفْسَ عَنِ الْهَوَى, فَإِنَّ الْجَنَّةَ هِيَ الْمَأْوَى ﴾ [النازعات: 34 – 41].

अर्थात:तो जब प्रलय आयेगीउस दिन इन्‍सान अपना करतूत याद करेगाऔर देखने वाले के लिये नरक सामने कर दी जायेगीतो जिस ने विद्रोह कियाऔर सांसारिक जीवन को प्राथमिक्‍ता दीतो नरक ही उस का आवास होगीपरन्‍तु जो अपने पालनहार की महानता से डरा थता अपने आप को मनमानी करने से रोकातो निश्‍चय ही उस का आवास स्‍वर्ग है


रह़मान के बंदोअल्‍लाह तआ़ला ने अपने बंदों को पैदा किया,उन्‍हें अनगिनत नेमतेंआशीर्वादप्रदान की,उसका कृपा एवं दया ही है कि उसने उन्‍हें अपनी प्रार्थना का आदेश दिया और अपने अनुगमन पर बहुमूल्‍य बदला व पुण्‍य का वादा फरमाया,बंदो के साथ उसका कृपा ही है कि उसने उन्‍हें दंड सुना कर चेतावनी दी,ताकि वे विनाश व बर्बादी के मार्गों से दूर रहें,उसका एक कृपा यह भी है कि उसका दया उसके क्रोध पर प्रभावी है,अत: जो व्‍यक्ति उससे क्षमा मांगता है,वह उसे क्षमा प्रदान करता है और जो उससे हिदायत की दुआ़ करता है,उसे हिदायत देता है,अल्‍लाह तआ़ला ने अपने पैगंबरोंसंदेशवाहकोंको शुभ संदेश सुनाने वाला और डराने वाला बना कर भेजा,उन्‍हों ने लोगों के सामने अच्‍छाई व भलाई और दुष्‍ट व बुराई को स्‍पष्‍ट कर दिया और उन्‍हें बताया कि उनका हिसाब व किताब होने वाला है और उन्‍हें उनके आ़माल का बदला मिलने वाला है,अत: दुनिया कार्य स्‍थल है,यहां हिसाब व किताब नहीं,और आखिरत हिसाब व किताब का स्‍थान होगा,वहां कार्य करने का अवसर नहीं,अल्‍लाह तआ़ला ने ह़दीस क़ुदसी में फरमाया:मेरे बंदोयह तुम्‍हारे ही आ़माल हैं जिन को तुम्‍हारे लिए गिनता रहता हूं,फिर तुम को उन आ़माल का पूरा बदला दुंगा,अत: जो व्‍यक्ति अच्‍छा बदला पाए तो उसे अल्‍लाह का आभार व्‍यक्‍त करना चाहिए कि उसकी कमाई बेकार नहीं गई और जो बुरा बदला पाए तो अपने ही प्रति बुरा समझेमुस्लिम


अल्‍लाह के बंदोअल्‍लाह तआ़ला आ़माल पर ही नजर रखता है,जैसा कि ह़दीस में आया है:अल्‍लाह तआ़ला तुम्‍हारी सूरतों औ तुम्‍हारे धन को नहीं देखता,किन्‍तु वह तुम्‍हारे हृदयों और आ़माल को देखता हैमुस्लिम


ईमान का लाभ यह है कि मनुष्‍य पुण्‍य के कार्य करे,क़ुरान दसयों स्‍थानों पर अल्‍लाह तआ़ला ने अपने उूपर ईमान लाने और पुण्‍य के कार्य करने को एक साथ बयान किया है,इसी प्रकार पाप एवं अवज्ञा दुनिया में यातना का कारण,बरज़ख़दुनिया एवं आखिरत के बीच की अवधि और क्‍़यामत में यातना के कारण हैं,इस लिए हम प्रत्‍येक नमाज़ में क़ब्र की यातना औन नरक की यातना से अल्‍लाह का शरण मांगते हैं!


ईमानी भाइयोआइए हम ऐसे विषय पर चर्चा करते हैं जिस से पता चलेगा कि उखरवी जीवन भिन्‍न चरणों व दृश्‍यों में आ़माल से हमारा संबंध पता चलेगा,अल्‍लाह से दुआ़ है कि इस विषय को उपदेशक एवं श्रोता दोनों के लिए लाभदायक बनाए,संभव है कि खैर भलाई से हम और निकट हो जाएं और पाप से अधिक दूर हो जाएं


इस्‍लामी भाइयोक़ब्र आखिरत की प्रथम सीढी है,जब मनुष्‍य की मृत्‍यु होती है तो उसके पीछे उसके परिवार,धन और उसके आ़माल होते हैं,किन्‍तु सब के सब इसी संसार में रह जाते हैं और क़ब्र में केवल उसका अ़मल ही उसके साथ होता है,ह़दीस देखें:उसके पासक़ब्र मेंएक सुंदर व्‍यक्ति आएगा,जो सुंदर वस्‍त्र पहना होगा,उसकी शरीर से सुगंध फूट रही होगी,कहेगा:तुम्‍हारे लिए प्रसन्‍न करदेने वाले नेमतों की खुशखबरी हैयह तुम्‍हारा वह दिन है जिस का तुम से वादा किया जाता था,वह कहेगा:तुम कौन हो,तेरा चेहरा तो खैर व भलाई का उपहार लेकर आने वाले का चेहरा हैवह कहेगा:मैं तुम्‍हारा पुण्‍य हूंइस ह़दीस को इमाम अह़मद और अबूदाउूद और निसाई ने रिवायत किया है और अल्‍बानी ने सही़ कहा हैइस ह़दीस में यह भी है:उसके पासक़ब्र मेंएक कुरूप और बुरा वस्‍त्र वाला व्‍यक्ति आए,जिसकी शरीर से दुर्गंध फूट रही होगी,वह उससे कहेगा:तुम कौन हो,तेरा चेहरा तो दुष्‍टता एवं बुराई ले कर आने वाले का चेहरा हैवह कहेगा:मैं तुम्‍हारा बुरा अ़मल हूं


रह़मान के बंदोक्‍़यामत जब स्‍था‍पित होजाएगी तो आप को अनेक ऐसे दृश्‍य एवं अवसर का सामना करना पड़ेगा जिन का आपके आ़माल सेठोससंबंध होगा:

﴿ يَصْدُرُ النَّاسُ أَشْتَاتًا لِيُرَوْا أَعْمَالَهُمْ * فَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ * وَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ ﴾ [الزلزلة: 6 – 8]

 

अर्थात:उस दिन लोग तितर बितर होकर आयेंगे ताकि वह अपने कर्मों को देख लेंतो जिस ने एक कण के बराबर भी पुण्‍य किया होगा उसे देख लेगाऔर जिस ने एक कण के कराबर भी बुरा किया होगा उसे देख लेगा


अल्‍लाह के बंदोक्‍़यामत के वे दृश्‍य जिन का हमारे आ़माल सेबड़ासंबंध होगा,उनमें यह भी है कि:सूर्य निकट आजाएगा और लोग अपने आ़माल के अनुसार पसीने में डुबे होंगे,ह़दीस है कि:क्‍़यामत के दिन सूर्य मखलूकों के बहुत निकट आजाएगा यहां तक कि उनसे एक मील की दूरी पर होगा,सोलैम बिन आ़मिर ने काह:अल्‍लाह की क़सममुझे मालूम नहीं कि मील से उनमिक़दाद रज़ीअल्‍लाहु अंहुका आश्‍य दूरी है अथवा वह सलाई जिससे आँख में सुरमा डाला जाता हैआप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने फरमाया:लोग अपने आ़माल के अनुसार पसीने में डूबे होंगे उनमें से कोई अपने दोनों टखनों तक कोई अपने दोनों घुटनों तक कोई अपने दोनों कूल्‍हों तक और कोई ऐसा होगा जिसे पसीने ने लगाम डाल रखी होगीमिक़दाद रज़ीअल्‍लाहु अंहु नेकहा:औरऐसा फरमाते हुएरसूलुल्‍लाह सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने अपने हाथ अपने मुंह की ओर इशारा कियामुस्लिम


अल्‍लाह के कुछ बंदे ऐसे भी होंगे जो अल्‍लाह तआ़ला के छाए में होंगे,अल्‍लाह तआ़ला मुझे और आप को भी उन खुशनसीबों में शामिल फरमाए


हमारे आ़माल से जुड़े हुए दृश्‍यों में:मह़शर के मैदान में अंधकार का भी दृश्‍य होगा,जब हर बंदा को उसके अ़मल के अनुसार आलोक दिया जाएगा,अल्‍लाह तआ़ला का कथन है:

﴿ يَوْمَ تَرَى الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ يَسْعَى نُورُهُمْ بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَبِأَيْمَانِهِمْ ﴾ الحديد: 12

अर्थात:जिस दिन तुम देखोगे ईमान वालों तथा ईमान वालियों को,कि दौड़ रहा होगा उसका प्रकाश उनके आगे तथा उन के दोयें


इब्‍ने मस्‍उूद रज़ीअल्‍लाहु अंहु का कथन है:लोगों को उनके आ़माल के अनुसार आलोक दिया जाएगा,अत: कुछ लोगों का आलोक खजूर के पेड़ के बराबर होगा,कुछ लोगों का आलोक खड़े हुए मनुष्‍य के बराबर होगा और उनमें सबसे कम जिस व्‍यक्ति को आलोक मिलेगा उसका आलोक पैर के अंगूठे के बराबर होगा,कभी बुझ जाएगा तो कभी आलोकित हो जाएगा


रह़मान के बंदोपुलसरात़ क्‍़यामत के दिन आ़माल से संबंध रखने वालामहत्‍वपूर्णदृश्‍य होगा,अत: इससे गुजरने की गति आ़माल के अनुसार होगी,मुस्लिम की रिवायत में है:अमानतदारी और परिजनों के साथ व्‍यवहार को भेज दिया जाएगा,वे पुल सरात़ के दोनो ओर,दाएंएवं बाएं खड़े हो जाएंगे,तुम में से प्रथम व्‍यक्ति पुल सरात़ से इस प्रकार पार होगा जैसे बिजली,मैं ने पूछा:मेरे माता-पिता आप पर समर्पितबिजली के जैसा कौन की चीज गुजरती हैआप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने फरमाया:तुम ने कभी बिजली के ओर नहीं देखा,किस प्रकार पलक झपकने में गुजरती और लौटती है?फिर हवा के गुजरने के जैसातेजी से,फिर पंक्षीके गुजरने और मनुष्‍य के दौड़ने के जैसा,उनके आ़माल उनको ले कर दौड़ेंगे


अल्‍लाह तआ़ला मुझे और आपको क़ुरान व ह़दीस से लाभ पहुंचाए,उनमें जो हिदायत और नीति की बातें हैं,उन्‍हें लाभदायक बनाए,आप अल्‍लाह से क्षमा मांगे,नि:संदेह वह अति क्षमा करने वाला है


द्वतीय उपदेश:

الحمد لله القائل:

﴿ فَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ  * وَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ ﴾[الزلزلة: 7، 8]

وصلى الله وسلم على نبيه وعبده وعلى آله وصحبه.


प्रशंसाओं के पश्‍चात:

हमारे जीवन के दिन व रात बीज बोने के दिन हैं,फसल काटने का समय आखिरत में होगा,और वह बहुम ही महान दिन होगा


उस दिन कुछ लोग डर से सु‍रक्षित होंगे,देवदूत उन्‍हें हाथों हाथ लेंगे,जबकि उस दिल डर से कुछ लोगों के कलेजे मुंह को आ रहे होंगे,वह बड़ा ही महान दिन होगा:

अर्थात:आप देखेंगे कि हर उम्‍मत घुटनों के बल गिरी हुई होगी,हर समूह अपने नामा-ए-आ़माल के ओर बोलाया जाएगा,आज तुम्‍हें अपने किए का बदला दिया जाएगा


जिस के अ़मल ने उसेपुण्‍य की पाप्ति मेंउसे पीछे रखा,उसका नसब उसे तेज नहीं कर सक‍ता


हमारे आ़माल से जुड़े क्‍़यामत के दृश्‍यों में यह दृश्‍य भी होगा:नरक के दोनों ओर कांटेआंकड़े लगे होंगे जो लोगों कोउनके बुरे आ़मालके अनुसार घसीटेंगे,ह़दीस में है:नरक में सादान के कांटों के जैसाआंकड़ेहोंगे,क्‍या तुम ने सादान का कांटा देखा हैसह़ाबा ने कहा:हां,आपने फरमाया:वह सादान के कांटों के जैसे होंगे मगर उनकी लंबाई अल्‍लाह के अतिरिक्‍त और कोई नहीं जानता,वे आंकड़े लोगो को उनकेबुरेआ़माल के अनुसार घसीटेंगे,कुछ लोग तो अपने पापों के कारण हलाक हो जाएंगे और कुछ घाओं से लत-पत हो कर बच जाएंगेइसे बोखारी व मुस्लिम ने तकरीबन इन्‍हीं शब्‍दों के साथ वर्णित किया है


आ़माल से जुड़े क्‍़यामत का एक दृश्‍य:हिसाब व किताब का दृश्‍य भी होगा,ह़दीस में है:तुम अपने पालनहार से मोलाकात करोगे,और वह तुम्‍हारे आ़माल के प्रति तुम से प्रश्‍न करेगाबोखारी व मुस्लिम


क़ुरान पाक में है:

﴿ وَلَتُسْأَلُنَّ عَمَّا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ ﴾ [النحل: 93]

अर्थात:और तुम से उस के बारे में अवश्‍य पूछा जायेगा जो तुम कर रहे थे


रह़मान के बंदोबरज़खदुनिया एवं आखिरत के बीच की अवधि और आखिरत के जीवन में हमारा अ़मल हमारे साथ होगा,सूर्य जब निकट हो जाएगा तो उस समय लोग अपने आ़माल के अनुसार ही पसीने में डूबे होंगे,मह़शर के अंधकार में प्रत्‍येक मनुष्‍य को उसके अ़मल के अनुसार ही आलोक प्रदान किया जाएगा,पुलसरात़ से गुजरने की गति भी आ़माल के अनुसार ही होगा,पुल सरात के आस पास जो कांटेआंकड़ेलगे होंगे,वे भी मनुष्‍य को आ़माल के अनुसार ही घसीटेगे,और अल्‍लाह तआ़ला अपने बंदो से उनके आ़माल के प्रति पूछेगा


अल्‍लाह के दया व कृपा के कारण ही मनुष्‍य सवर्ग में प्रवेश कर सकेगा,जैसा कि सह़ी ह़दीस में आया है,किन्‍तुयाद रखना चाहिए किपुण्‍य के कार्य ही अल्‍लाह का कृपा व दया को प्राप्‍त करने का और स्‍वर्ग में प्रवेश होने के कारण हैं


अंतिम बात:आप के ज्ञान से यह छुपा नहीं है कि आ़माल में हृदय का अ़मल,जीभ का अ़मलकथनऔरशरीर के अंगों केकार्य शामिल हैं


अल्‍लाह से प्रार्थना है कि हमें पुण्‍य के कार्य करने की तौफीक प्रदान करे,हमें पाप के कार्यों से बचाए


दरूद व सलाम भेजें...


صلى اللہ علیہ وسلم.

 





حفظ بصيغة PDFنسخة ملائمة للطباعةأرسل إلى صديقتعليقات الزوارأضف تعليقكمتابعة التعليقات

شارك وانشر

مقالات ذات صلة

  • خطبة: (تجري بهم أعمالهم)
  • عبودية استماع القرآن العظيم (خطبة) (باللغة الهندية)
  • من عمل صالحا فلنفسه (باللغة الهندية)
  • الأم (خطبة) (باللغة الهندية)
  • خطبة: (تجري بهم أعمالهم) باللغة الإندونيسية
  • خطبة: (تجري بهم أعمالهم) - باللغة النيبالية

مختارات من الشبكة

  • قسوة القلب (خطبة) (باللغة الإندونيسية)(مقالة - آفاق الشريعة)
  • فكأنما وتر أهله وماله (خطبة) - باللغة الإندونيسية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • عظمة وكرم (خطبة) - باللغة الإندونيسية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • خطبة: تأملات في بشرى ثلاث تمرات - (باللغة البنغالية)(مقالة - آفاق الشريعة)
  • الله الخالق الخلاق (خطبة) – باللغة النيبالية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • خطبة: تأملات في بشرى ثلاث تمرات - (باللغة الإندونيسية)(مقالة - آفاق الشريعة)
  • الله البصير (خطبة) - باللغة البنغالية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • الله الخالق الخلاق (خطبة) – باللغة الإندونيسية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • الله الخالق الخلاق (خطبة) – باللغة النيبالية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • التعبد بترك الحرام واستبشاعه (خطبة) – باللغة البنغالية(مقالة - آفاق الشريعة)

 



أضف تعليقك:
الاسم  
البريد الإلكتروني (لن يتم عرضه للزوار)
الدولة
عنوان التعليق
نص التعليق

رجاء، اكتب كلمة : تعليق في المربع التالي

مرحباً بالضيف
الألوكة تقترب منك أكثر!
سجل الآن في شبكة الألوكة للتمتع بخدمات مميزة.
*

*

نسيت كلمة المرور؟
 
تعرّف أكثر على مزايا العضوية وتذكر أن جميع خدماتنا المميزة مجانية! سجل الآن.
شارك معنا
في نشر مشاركتك
في نشر الألوكة
سجل بريدك
  • بنر
  • بنر
كُتَّاب الألوكة
  • تعليم القرآن والتجويد في دورة قرآنية للأطفال في ساو باولو
  • ورشة توعوية في فاريش تناقش مخاطر الكحول والمخدرات
  • المحاضرات الإسلامية الشتوية تجمع المسلمين في فيليكو تارنوفو وغابروفو
  • ندوة قرآنية في سراييفو تجمع حفاظ البوسنة حول جمال العيش بالقرآن
  • سلسلة ورش قرآنية جديدة لتعزيز فهم القرآن في حياة الشباب
  • أمسية إسلامية تعزز قيم الإيمان والأخوة في مدينة كورتشا
  • بعد سنوات من المطالبات... اعتماد إنشاء مقبرة إسلامية في كارابانشيل
  • ندوة متخصصة حول الزكاة تجمع أئمة مدينة توزلا

  • بنر
  • بنر

تابعونا على
 
حقوق النشر محفوظة © 1447هـ / 2025م لموقع الألوكة
آخر تحديث للشبكة بتاريخ : 10/7/1447هـ - الساعة: 14:2
أضف محرك بحث الألوكة إلى متصفح الويب