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المكرمون والمهانون يوم الدين (3) (خطبة) (باللغة الهندية)

المكرمون والمهانون يوم الدين (3) (خطبة) (باللغة الهندية)
حسام بن عبدالعزيز الجبرين

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تاريخ الإضافة: 18/1/2023 ميلادي - 26/6/1444 هجري

الزيارات: 4842

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शीर्षक:

प्रलय के दिन सम्मान एवं अपमान पाने वाले लोग (3)


अनुवादक:

फैज़ुर रह़मान ह़िफज़ुर रह़मान तैमी


प्रथम उपदेश:

प्रशंसाओं के पश्चात


मैं आप को और स्वयं को अल्लाह का तक़्वा (धर्मनिष्ठा) अपनाने की वसीयत करता हूँ,यह हमारे लिए और हम से पूर्व के समस्त क़ौमों (समुदायों) के लिए अल्लाह की वसीयत है:

﴿ وَلَقَدْ وَصَّيْنَا الَّذِينَ أُوتُواْ الْكِتَابَ مِن قَبْلِكُمْ وَإِيَّاكُمْ أَنِ اتَّقُواْ اللّهَ ﴾ [النساء: 131]

अर्थात:और हम ने तुम से पूर्व अहले किताब को तथा तुम को आदेश दिया है कि अल्लाह से डरते रहो।


हमें यह अवलोकनलेते रहना चाहिए कि अल्लाह और उसके रसूल के आदेशों और निषेद्धों के विषय में हमारी क्या स्थिति हैं,हमें प्रत्येक पाप के पश्चात पून: तौबा करना चाहिए,वह वस्त्र जैसे गंदा होते ही धुल जाए,उस वस्त्र के जैसा नहीं होता जिस पर एक युग तक मैल कुचैल परत दर परत बैठता रहता है,उसके बाद उसे धोया जाता है,इसमे चमक लाने के लिए बड़ी पश्रिरम की आवश्यकता होती है...यही स्थिति पापों के साथ दिला की भी है।


मेरे ईमानी भाइयोहमारे दिल कठोर हो जाते हैं और हमें उन कार्यों की आवश्यकात होती है कि जिन से दिल कोमल हो,ताकि अल्लाह से हम निकट हो सकें और तक़्वा के गुणों से दामन को भर सकें,जिन मामलों से दिलों में कोमलता पैदा हाती है,उन में आख़िरत के दिन की याद भी है जिसका उल्लेख अल्लाह ने अपनी पुस्तक में प्रचुरता से किया है,दिलों को प्रेरणाव धमकी एवं भय की आवश्यकता होती है।


आदरणी सज्जनोआइये हम ऐसे कुछ ग्रंथोंपर विचार करते हैं जिन में प्रलय के दिन की स्थितियों का उल्लेख आया है,अल्लाह तआ़ला अपने जिन बंदों को आदर व सम्मान प्रदान करेगा,हम उनकी कुछ स्थितियों का अवलोकनकरेंगे और जिन बंदों को अल्लाह तआ़ला अपमानित करेगा,उनकी भी कुछ स्थितियों पर विचार करेंगे:

﴿ يَوْمَ هُم بَارِزُونَ لَا يَخْفَى عَلَى اللَّهِ مِنْهُمْ شَيْءٌ لِّمَنِ الْمُلْكُ الْيَوْمَ لِلَّهِ الْوَاحِدِ الْقَهَّارِ * الْيَوْمَ تُجْزَى كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ لَا ظُلْمَ الْيَوْمَ إِنَّ اللَّهَ سَرِيعُ الْحِسَابِ ﴾ [غافر: 16-17]

अर्थात:जिस दिन सब लोग (जिवित को रक) निकल पड़ेंगे,नहीं छुपी होगी अल्लाह पर उन की कोई चीज़,किस का राज्य है आज? अकेले प्रभुत्वशाली अल्लाह का।आज प्रतिकार दिया जायेगा प्रत्येक प्राणी को उस के करतूत का।कोई अत्याचार नहीं है आज।वास्तव में अल्लाह अतिशीघ्र हिसाब लेने वाला है।


यह अल्लाह तआ़ला का न्याय ही है कि सारे बंदे प्रलय के दिन एक ही स्थिति में नहीं होंगे:

﴿ أًمْ حَسِبَ الَّذِينَ اجْتَرَحُوا السَّيِّئَاتِ أّن نَّجْعَلَهُمْ كَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَوَاء مَّحْيَاهُم وَمَمَاتُهُمْ سَاء مَا يَحْكُمُونَ ﴾ [الجاثية: 21].

अर्थात:क्या यमझ रखा है जिन्होंने दुष्कर्म किया है कि हम कर देंगे उन को उन के समान जो ईमान लाये तथा सदाचार किये है कि उन का जीवन तथा मरण मसान हो जाये? वह बुरा निर्णय कर रहे हैं।


जिन लोगों की वरिष्ठता एवं उच्चता प्रलय के दिन स्पष्ट होगी उन में मोअज़्जिन भी होंगे,उस दिन उन की गर्दन सबसे लंबी होंगी,आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है:प्रलय के दिन मोअज़्जिन,लोगों में सबसे लंबी गर्दनें वाले होंगेसह़ीह़ मुस्लिम


उस दिन मोअज़्जिन के हित में प्रत्येक वह जीव गवाही देगी जिस ने दुनिया में उन की अज़ान की आवाज़ सुनी होगी,सह़ी बोख़ारी में अबूसई़द ख़दरी रज़ीअल्लाहु अंहु से वर्णित है कि उन्हों ने अ़ब्दुर रह़मान बिन सअ़सअ़ से कहा:मैं देखता हूँ कि तुम्हें बकरियों और जंगल में रहना पसंद है,इस लिए तुम जब अपनी बकरियों के साथ वन में रहो और नमाज़ के लिए अज़ान दो तो उूंची आवाज से अज़ान दिया करो,इस लिए कि मोअज़्जिन की आवाज़ को जो कोई जिन्न व मनुष्य अथवा कोई सुनेगा तो वह उस के लिए प्रलय के दिन गवाही देगा।ह़ज़रत अबूसई़द ख़दरी रज़ीअल्लाहु अंहु ने फरमाया:मैं ने यह बात अल्लाह के रसूल सलल्लाहु अलैहि वसल्लम से सुनी है।


कुछ ह़दीस के विवरणकारोंका कहना है:उस गवाही का उद्देश्य यह है कि जिस के लिए गवाही दी जाएगी वह प्रलय के दिन आदर व सम्मान एवं श्रेष्ठता व उच्चता में प्रसिद्ध होगा,जिस प्रकार अल्लाह तआ़ला गवाही के द्वारा कुछ लोगों को अपमानित करेगा उसी प्रकार से गवाही के द्वारा कुछ लोगों को सम्मानित भी करेगा।


आदरणीय सज्जनो

बुढ़ापा मुसलमान व्यक्ति के लिए प्रलय के दिन आलोक का कारण होगा,सुनन तिरमिज़ी और निसाई में कअ़ब बिन मुर्राह से वर्णित है कि रसूल सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:जो इस्लाम में बुढ़ा हो जाए,तो प्रलय के दिन यह उस के लिए आलोक बर कर आएगा।(इस ह़दीस को अल्बानी ने सह़ीह़ कहा है)।


इसी प्रकार से वुज़ू का महत्व भी उस दिन स्पष्ट होगा,इमाम मुस्लिम ने अबूहोरैरह रज़ीअल्लाहु अंहु से वर्णन किया है कि रसूल सलल्लाहु अलैहि वसल्लम कब्रस्तान में आए और फरमाया:ए ईमान वाली क़ौम के घरानेतुम सब पर शांति हो और हम भी इंशाअल्लाह तुम्हें साथ मिलने वाले हैं।मेरी इच्छा है कि हम ने अपने भाइयो को (भी) देखा होता।सह़ाबा ने कहा:ए अल्लाह के रसूलक्या हम आप के भाई नहींआप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उत्तर दिया:तुम मेरे साथी हो और हमारे भाई वे लोग हैं,जो अभी तक (दुनिया में) नहीं आए।उस पर उन्होंने कहा:ए अल्लाह के रसूलआप अपनी उम्मत के उन लोगों को जो अभी (दुनिया में) नहीं आए,कैसे पहचानेंगेतो आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:बताओयदि काले घोड़ों के बीच किसी सफेद चेहरे (और) सफेद पैर वाले घोड़े हों,तो क्या वह अपने घोड़ों को नहीं पहचानेगाउन्होंने कहा:क्यों नहीं,ए अल्लाह के रसूलआपने फरमाया:वह वुज़ू के कारण आलोकित चेहरों,सफेद हाथ पैर के साथ आएंगे और मैं ह़ौज़ पर उन का अग्रणीहूंगा।सावधानकुछ लोग नि:संदेह मेरे हौज़ से अलग हटाए जाएंगे।जैसे (कहीं और का) भटका हुआ उूंट (जो समूह का भाग नहीं होता) अलग हटा दिया जाता है,मैं उन को आवाज दूंगा:देखोइधर आजाओतो कहा जाएगा:उन्होंने आप के पश्चात (अपने कथन व कार्य को) बदल लिया था।तो मैं कहुंगा:दूर हो जाओदूर हो जाओएक रिवायत में है:तो कुछ लोगों को मेरे हौज़ से हटाया जाएगा।(सह़ीह़ मुस्लिम)


बोख़ारी व मुस्लिम ने अबूहोरैरह रज़ीअल्लाहु अंहु से मरफूअ़न रिवायत किया है:मेरी उम्मत के लोग प्रलय के दिन वुज़ू के कारण से आलोकित चेहरों एवं सफेद चमकदार हाथ पैर के साथ आएंगे।


अल्लाह तआ़ला हमें और आप को क़ुर्आन व सुन्नत की बरकतों से लाभान्वित फरमाए और इन में जो आयत एवं नीति है,उन्हें हमारे लिए लाभदायक बनाए,आप सब अल्लाह से क्षमा मांगें,नि:संदेह वह अति क्षमाशील बड़ा दयालु है।


द्वतीय उपदेश:

प्रशंसाओं के पश्चात:

मैं आप को और स्वयं को अल्लाह का तक़्वा (धमनिष्ठा) अपनाने की वसीयत करने और तौबा की नवीनीकरण की वसीयत करता हूँ,क्योंकि पाप में जीवन में भी दुष्टता का कारण है और मृत्यु के पश्चात भी,जबकि आज्ञाकारिता व वंदना जीवन में भी बरकत का कारण है और मृत्यु के पश्चात भी:

﴿ أًمْ حَسِبَ الَّذِينَ اجْتَرَحُوا السَّيِّئَاتِ أّن نَّجْعَلَهُمْ كَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَوَاء مَّحْيَاهُم وَمَمَاتُهُمْ سَاء مَا يَحْكُمُونَ ﴾ [الجاثية: 21].

अर्थात: क्या यमझ रखा है जिन्होंने दुष्कर्म किया है कि हम कर देंगे उन को उन के समान जो ईमान लाये तथा सदाचार किये है कि उन का जीवन तथा मरण मसान हो जाये? वह बुरा निर्णय कर रहे हैं।


मेरे ईमानी भाइयो प्रयल के दिन कुछ बंदों का आदर व सम्मान किया जाएगा तो कुछ को अपमानित,जिन को अपमानित किया जाएगा उन में:धोकेबाज भी है जो किसी बात का वचन देके उसे पूरा न करे,आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम की ह़दीस है:प्रलय के दिन अल्लाह जब पूर्व में आने वालों और पश्चात में आने वालों को इकट्ठा करेगा तो वादे का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के लिए एक झंडा उूंचा किया जाएगा और कहा जाएगा:यह अमुक पुत्र अमुक की वादाखिलाफी (का चिन्ह) है।(सह़ीह़ मुस्लिम) झंडा का आशय परिचय चिन्ह है जो सामान्य रूप से युद्ध के मैदान में सेना के सेना प्रमुखके हाथ में होता है।अ़रबों की आदत थी कि वह सामान्य सभाओं और ह़ज्ज के मोसम में धोकेबाज के अपमान के लिए इस नाम का झंडा बोलंद करते थे,प्रलय के दिन भी उस के लिए झंडा गाड़ा जाएगा जिससे उसका अपमान होगा,उसकी विश्वासघातजितनी बड़ी होगी उतना ही उसका झंडा भी उूंचा होगा,सह़ीह़ मुस्लिम की ह़दीस में आया है: वादे का उल्लंघन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रलय के दिन एक झंडा होगा जो उसकी वादे का उल्लंघन के अनुसार उूंचा किया जाएगा,सुनो वादे का उल्लंघन में कोई जनता की (वादे का उल्लंघन करने वाला) प्रतिनिधि से बड़ा नहीं होगा।जनता की प्रतिनिधि का मतलब शासक अथवा ख़लीफा है,उसकी वादे का उल्लंघन सबसे बड़ी वादे का उल्लंघन मानी जाएगी,क्योंकि उसका हानि अनेक लोगों को उठाना पड़ता है,और इस लिए भी कि उसके हाथ में शक्ति एवं शासन होता है,इस लिए की वादे का उल्लंघन कोई आवश्यकता नहीं होती।


अल्लाह के बंदोअल्लाह तआ़ला ने अपने उूपर अत्याचार को अवैध किया है और बंदों के बीच भी इस अवैध कर दिया है।इसी आधार पर भूमि गसब करने वाले की धमकी आई है,आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:जो व्यक्ति किसी दूसरे की थोड़ी सी भी भूमि गलत रूप से लेले तो वह प्रलय के दिन सात भूमियों में धंसता चला जाएगासह़ीह़ बोख़ारी


इसी प्रकार से प्रलय के दिन उस व्यक्ति को भी यातना दिया जाएगा जो झूटा सपना बयान करे,वह इस प्रकार से कि प्रलय के दिन जौ के दोदानोंके बीच गांठ लगाने पर उसे मोकल्लफ (बाध्य) किया जाएगा।इसी प्रकार से वह व्यक्ति जो लोगों की बात पर कान धरे जबकि वे उसे नापसंद समझते हों तो उस के कान में सीसा पिघला कर डाला जाएगा,सह़ीह़ बोख़ारी में इब्ने अ़ब्बास रज़ीअल्लाहमा से वर्णित है कि नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:जो व्यक्ति झूटा सपना बयान करे तो प्रलय के दिनजौ के दानों की बीच गिढ़ह लगाने पर उसे मोकल्लफ (बाध्य) किया जाएगा और वह उन दोनों के बीच गांठ कदापि नहीं लगा सकेगा।और जो व्यक्ति किसी समुदाय की बात पर कान लगाए जबकि वे उसे नापसंद करे अथवा वे उससे भागते हों तो प्रलय के दिन उस के कानों में सीसा पिघला कर डाला जाएगा।और जो कोई चित्र बनाएगा उसे यातना दिया जाएगा और उसे मोकल्लफ (बाध्य) किया जाएगा कि वह उस में आत्मा डाले जो वह नहीं कर सकेगा।इसका आशय जीव का चित्र बनाना है,विद्धानों का इस विषय में अधिक विरोध है कि जो चित्र बनाना अवैध है,उसका आशय किया है,क्या उत्कीर्ण कर मूर्ति के रूप में बनाना है,अथवा उस में हाथ की चित्रऔर चित्रकारीभी शामिल है,और इस में फोटोग्राफिक चित्रें शामिल हैं या नहींजिस का विवरण बयान करना यहाँ मकसूद नहीं,बल्कि मैंने केवल संकेत और चेतावनी देती चाही है।


صلى الله عليه وسلم.

 





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